बौद्ध संस्कार में पंचशील कैसे फॉलो करें
पंचशील: Baudh sanskar me Panchsheel kaise follow kare
- मैं प्राणी हिंसा से विरत रहने की शिक्षा ग्रहण करता / करती हूँ.(किसी भी जीव को न मारना)
- मैं चोरी करने से विरत रहने की शिक्षा ग्रहण करता / करति हूँ.
- मैं व्यभिचार से विरत रहने की शिक्षा ग्रहण करता / करति हूँ (मतलब:- शादी नही हूइ हो तो ब्रह्मचर्य का पालन करूंगा/करूंगी; अगर शादी हुई हो तो अपने पत्नी/पति के अलावा किसी स्त्री या पुरुष के बारे में सोचूंगा/सोचुंगी नहीं.
- मैं मिथ्या वचन (झूठ बोलना, कङवी वानी) से विरत रहने की शिक्षा ग्रहण करता / करति हूँ।
- मैं शराब (वाइन) और मादक पदार्थों के सेवन करनेसे विरत रहनेकी शिक्षा ग्रहण करता / करती हूँ।
- साधु साधु साधु
क्षमा याचना: Panchsheel follow kaise kare
नमो तस्स भगवतो अरहतो सम्मासम्बुद्धस्स .
नमो तस्स निय्यानिकस्स धम्मस्स ..
नमो तस्स अट्ठारियपुग्गलमहासंघस्स .
कायेणं, वाचा, चितेनं पमादेणं मया
कतं अच्चयं खममे भंते भुरीपय्यो तथागत
अच्चयं खममे धम्म संधिटटीक अकलिक
अच्चयं खममे संघ सुपटिपण्ण अनुत्तर
इसका मतलब हैं महाप्रज्ञा से युक्त तथागत भगवान बुद्ध जी के प्रति मेरी काया वाचा मन से कोई गलती हुई हो तो उसके लिये में उन भगवान से क्षमा मांगता हू..धम्म और संघ से भी क्षमा मांगता हू..।
Baudh Sanskar: Kya aapne panchsheel follow kiya
- दिनभर में बहुत सी गलतिया होती हैं उसके लिये क्षमा मांगे,
- यदी कोई पाप किया हो तो उसे वापस नहीं करुंगा, करुंगी एसा मन में थानो,
- इसके बाद अपना जिवन भगवान बुद्ध को इस प्रकार अर्पित किजिये की,
- मैं अपना संपूर्ण जिवन भगवान बुद्ध जी को समर्पित करता ,करती हुं
- अगर दुख अप्रिय लगता हैं तो पाप ना करो पुण्य करो क्यूकी पाप का दुसरा नाम दुःख हैं और पुण्य का दुसरा नाम सुख हैं,
- सोने से पहले आप सभी लोग जरा सोचिये इन में कितना पुण्य कर्म आज आपने किया या नहीं..!
How to follow Panchsheel in Buddhist rites
- बुद्ध वंदना करना, बुद्ध जी को फूल, अगरबत्ती, पानी, दिया पूजा करना, स्तूप, बोधि वृक्ष पूजा करना, परित्राण chanting करना..!
- पंचशील सुरक्षा करना
- उपोसथ अष्टांग शील सुरक्षा करना
- जानवर लोग को कुछ खाने,पीने केलिए देना
- भिखारी या गरीब लोग को अन्न ,वस्त्र दान देना
- महा संघ को दान देना
- दूसरों को बुद्ध जी का पवित्र धम्म बता देना ,बुद्ध जी का पवित्र धम्म के बारे posts ,artikles दूसरों को भी share करना [धम्म दान देना ]
- अपने पुण्य दूसरोंको अनुमोदन करना और दूसरों को पुण्य आप अनुमोदित करना
- माता ,पिता ,बड़े बूढ़े ,गुरु लोगों को सेवा सम्मान करना ,
- ध्यान ,साधना [मैत्री साधना ,बुद्धानुस्मृति ,अशुभ ,आनापान,विपस्सना] करना
नमो बुद्धाय धम्म बंधुओं मैं राहुल गौतम बौद्ध संस्कार.कॉम का फाउंडर हूँ, मैं यहाँ बुद्धिज़्म से जुडी संपूर्ण जानकारीयों को आप सभी के लिए इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से शेयर करता हूँ, जैसे कि बौद्ध संस्कार, बुद्ध वंदना, भगवान बुद्ध, बाबा साहब, एवं बुद्धिज़्म से जुड़ी समस्त महत्वपूर्ण जानकारीयों को पूर्णतः निःशुल्क रूप से बुद्धिज़्म जनहित कल्याण के लिए रिसर्च करके आप सभी धम्म बंधुओं के लिए लिखता हूँ। जय भीम।